१०० में से ९९ बेईमान कब तक गाते रहोगे?
उन ९९ में अपनी गिनती कब तक करते रहोगे?
अपने आपे से तुम कब तक युही भागते रहोगे?
तुम भी दुनिय सकते हो यह तुम कब जानोंगे?
दुश्मन आकर हाथ खिंच रहा है,
कल उठकर वोह सर पे बैठेगा,
उठो साथियों अब तो तुम आओ आगे,
अगर आज नहीं उठे तो फिर हमेशा सोते रह जाओगे.
कब तक कीचड़ को कोश्ते रहोगे?
कीचड़ में खिला कमल कब उठाओगे?
अगर युही मर मर क जीते रहोगे,
तो फिर जीने मरने का फर्क क्या तुम मुझे समझाओगे?
जय हिंद.
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